
क्रिति संन ने बॉलीवुड की पगार-पैरीटि के मुद्दे पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं की फिल्मों को बड़ा बजट देने से प्रोड्यूसर्स डरते हैं, जिससे इस क्षेत्र में असमानता बनी हुई है। इस बयान ने पड़ोस की आंटियों और आम जनता के बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएं पैदा कीं।
जलन और प्रतिक्रियाएं
जब क्रिति संन ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की, तो पड़ोस की राधा आंटी की मुस्कान फीकी पड़ गई और माहौल में अफवाह फैल गई। गुड्डू की मम्मी इस सोच को चुनौती देती हैं कि लड़कियों की फिल्मों में पैसा लगाने का कोई फायदा नहीं। WhatsApp वाली बुआ ने प्रोड्यूसर्स के डर को बताया।
प्रमुख मुद्दे
- फिल्मों के बजट में असमानता: महिलाओं वाली फिल्मों को कम बजट मिलने की समस्या।
- सामाजिक सोच: कई लोग अब भी महिलाओं की फिल्मों में निवेश को लेकर संदेह करते हैं।
- इन्फ्लुएंसर्स और आम आदमी: दोनों अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन विवाद भी बढ़ाते हैं।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस विषय पर कई मीम्स और कॉमेंट्स देखने को मिलते हैं, जिनमें कुछ लोग महिलाओं को ज्यादा अवसर देने के पक्ष में हैं और कुछ पुरुष कलाकारों को प्राथमिकता देने की बात करते हैं। इससे पड़ोस की गीता आंटी का दिल और जल उठा।
आखिरी बातें
आंटियों की जलन का मुख्य कारण यह है कि उनके परिवार के सदस्य बड़े सितारे नहीं बन पाए हैं या उनकी पत्नियों को बड़ा बजट नहीं मिला है। क्रिति संन की बातों ने मोहल्ले में नई आग पैदा कर दी है, जो जल्द नहीं बुझने वाली। खबर है कि उनकी अगली फिल्म के लिए भी बड़ा बजट मांगा गया है, जिससे पड़ोस की पिंकी आंटी की नींद उड़ गई है।
इस प्रकार, क्रिति संन की बेबाकी ने बॉलीवुड में महिला कलाकारों के लिए बराबरी के अधिकार की चर्चा फिर से जोरशोर से शुरू कर दी है।