
टेरेन्स स्टैम्प के जाने के बाद पड़ोस की चाय की टपरी में गप्पों का सिलसिला यूं ही जारी रहा। 87 साल की उम्र में इस दिग्गज कलाकार ने दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली थी। आइए जानते हैं, किस तरह की बातें चलीं:
जलन की पहली चिंगारी
पड़ोस की चंडी मामी ने टेरेन्स स्टैम्प की सफलता पर इतनी जलन जताई कि हवा भी ठंडी हो गई। वे गर्व से कहते थे कि उनके बच्चे टाइगर की तरह हैं, मगर टेरेन्स का हॉलीवुड में मुकाम देखकर वे बेहद प्रभावित और थोड़ी असहज भी थीं।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
गुड्डू की मम्मी, जो मोहल्ले में कामयाबी को जानती हैं, ने टेरेन्स की उपलब्धियों को सुनकर कहा, “हाय राम! हमारा गुड्डू तो अभी तक रेल-पुल के नीचे भी नहीं पहुंच पाया, और ये स्टैम्प साहब तो साइनेमा के भगवान।” वे मानती थीं कि गुड्डू को भी एक दिन जरूर सफलता मिलेगी और उसकी बातें इन्फ्लुएंसर्स की दुनिया में सुनी जाएंगी।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी — कौन जले ज़्यादा?
सोशल मीडिया पर न सिर्फ टेरेन्स स्टैम्प जैसे महान कलाकारों को याद किया गया, बल्कि इन्फ्लुएंसर्स की भी अपनी जगह बनी। वे अपनी छोटी वीडियो से लोगों को हँसाते थे, लेकिन टेरेन्स की छाप अमिट थी। एक इन्फ्लुएंसर ने कहा भी, “हमें भी टेरेन्स स्टैम्प जैसी ग्रेस चाहिए!” यह बयान मोहल्ले में खूब चर्चा का विषय बना।
सोशल मीडिया का नमक
क्राउड के बीच में कुछ लोग टेरेन्स के निधन पर सहानुभूति दिखा रहे थे, तो कुछ चुपके से असली और नकली स्टार्स को लेकर टिप्पणी कर रहे थे। मोहल्ले की आंटियाँ उनके हिंदी डबिंग वाले सीन दिखाकर अपने दर्द को कम करने की कोशिश में लगी थीं।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
WhatsApp ग्रुप में बुआ ने कहा, “इस उम्र में भी फिल्मी दुनिया की रौशनी कम नहीं हुई। अब हमारे मोहल्ले का तेल लें केकड़ी का पाँव भी चमके!” इस तरह की बातें मोहल्ले में जलन और भावनाओं का मिश्रण बन गईं।
अंत में, टेरेन्स स्टैम्प की विरासत और परिवार को सलामत रहने की दुआएं बनती रहीं, और मोहल्ले के लोग अपनी-अपनी ज़िंदगी की छोटी-छोटी घटनाओं के बीच जश्न मनाते रहे।
अब आप भी तैयार हो जाइए दही-शक्कर लेकर लाइक्स बटोरने के लिए और पढ़ते रहिए Jelousy News की अगली खबरें!