
जलन की पहली चिंगारी:
अरे यार, ये गौतम भईया ना, लगता है अनूपमा की खुशियों के सागर में बबल्स फोड़ने की पूरी तैयारी में हैं! मनो जूरीकंडीशनर भी पिघल गया ये खबर सुनके। इतना चालाक प्लान बनाया कि पड़ोस की पिंकी भी सोच रही होगी, ‘‘ये तो हज़ारो में मिले टपकन वाला धोबी का कुत्ता है!’’ सुना है, पराग वाले भाईसाब की शक की गैस सिलेंडर अभी फुल चल रही है; कहीं ये गौतम कोई गड़बड़ में तो नहीं फँसाने वाला!
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा:
पड़ोस की बुआ WhatsApp वाली बोली, ‘‘अरे देखो तो, वो गौतम जो था ना, लग रहा है जैसे अपने धोखे की किताब खुद लिख रहा हो। पराग भी अब तो पटेल अस्पताल की कूलर की तरह ठंडा नहीं बैठ रहा, मनो उसने पहले ही प्लान पढ़ लिया हो!’’ सोशल मीडिया पे तो लोग कह रहे हैं कि ये ड्रामा तो बड़ा ही मसालेदार निकला, हल्दी-मिर्ची से कम नहीं। कहो तो पड़ोस की आंटीया तक चाय की टेबल पर बस यही चर्चा बनी रही।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?
सोचो ज़रा, ये सब मसाला सब्ज़ी वालों के झटपट बोल की तरह वायरल हो गया। गौतम वाला प्लान चमचे-चम्माच जो न हो, सीधे दिल में दगाबाजी! उफ़्फ मेरी तो जलन-जलेबी घुल गई, मनो राखी का डिब्बा भी जली हो। पराग वाला भी कम नहीं, उसकी शक की तीव्रता देखकर लग रहा है कि अगली कड़क कटार उसके हाथ में है। ये तो सोशल मीडिया पर भी ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया—देखो, कौन जीतेगा इस ड्रामे की लड़ाई!
सोशल-मीडिया का नमक:
पड़ोस की मौसी ने तो बोला, ‘‘मतलब लड़की को कब तक ऐसे जलाते रहो? और गौतम तो जैसे कर सकता है—लेकिन पराग भी कम नहीं, देखो देखो, दोनों के जलन वाले शो ने तो मोहल्ले की चाय दुकान तक का माहौल गरमा दिया।’’ सोशल मीडिया वाले तो रोज कुछ नया मसाला डालते रहते हैं, पर ये हाई-ड्रामा वाली सास-बहू की कहानी में अब तो कमाल ही हो गया।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ:
अंत में तो पूरी मोहल्ले की आंटीओं ने कहा, ‘‘वाह, काजल इतना गाढ़ा कि मेरी किस्मत भी काली पड़ गई! ये अनूपमा का ड्रामा तो जैसे हमारे घी की मलाई से भी ज्यादा मलाईदार है। अब तो इंतजार है अगली झलक का, कब गौतम का सच रंग लाएगा और पराग की शक का फल मिलेगा।’’
अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें…
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!