
इस लेख में आर्यन खान के डायरेक्शन डेब्यू ‘The Ba***ds of Bollywood’ ने बॉलीवुड की चमक-दमक में नेपोटिज्म का नया तड़का लगाया है। अनन्या पांडे और सिद्धांत चतुर्वेदी की मेजबानी में जब नेपोटिज्म की चर्चा हुई, तो पड़ोस की आंटी की जलन ने सबको हंसाया और सोचने पर मजबूर किया।
जलन की पहली चिंगारी
पड़ोस की आंटी और बाकी लोगों की जलन ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। व्हाट्सएप चैट्स से लेकर सोशल प्लेटफॉर्म्स तक, यह बात हर जगह थी कि कैसे ये चमकते सितारे आम लोगों की किस्मत पर ताना मार रहे हैं। इस जलन में गुड्डू की मम्मी भी पीछे नहीं रही, जिन्होंने कहा कि उनके बेटे की फील्ड में पैर रखने में भी ये सितारे इतना आगे निकले कि मानो जूरीकंडीशनर भी पिघल गया हो!
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी
सोशल मीडिया के इस युग में, जहाँ सितारों की चमक-दमक हर ओर है, आम आदमी सोच में पड़ जाता है कि आखिर ये सितारे इतना क्यों चमकते हैं। जबकि आम लोग अपने व्यस्त जीवन में ऐसे चाहकर भी इतने चमक नहीं पा पाते। यह जलन का खेल दोनों ओर खूब चलता है, जिसमें कोई हारता नहीं बस मज़ा आता है।
सोशल मीडिया का नमक
सोशल मीडिया ने हमारी जिंदगी में मसाले भरे हैं, पर जब बॉलीवुड की चमक-दमक इसमें जुड़ती है, तो जलन और भी तेज हो जाती है। ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी जगहों पर ये जलन के झरने बहते रहते हैं। ट्रोल्स और सितारे दोनों ही इस खेल में शामिल हैं। जलन बढ़ती है, लेकिन मज़ा भी आता है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
जब ये खबर आई कि आर्यन खान ने कमांड संभाली है, तो पड़ोस की आंटियों की जलन का पटाखा फूट पड़ा। यह साफ़ करता है कि जलन एक गहरा मानवीय भावना है, जिसमें ताना, व्यंग्य, और प्यार मिक्स होता है। आखिरकार, जलन का स्वाद भी बड़ा मजेदार होता है।
तो भाइयों और बहनों, अब दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने का समय है! अगली जोरदार जलन के लिए बने रहिए Jelousy News के साथ।