
‘क्रिमिनल माइंड्स’ का 18 सीज़न और 84% रिव्यूज़ के बावजूद इसे सही मायनों में वह सम्मान नहीं मिल पाता जो इसे मिलना चाहिए। यह शो अपनी सटीक कहानी और किरदारों की गहराई के कारण विशिष्ट है, फिर भी सोशल मीडिया पर इसे पुराना और कमतर समझा जाता है।
जलन की पहली चिंगारी
‘क्रिमिनल माइंड्स’ को लेकर हमेशा जलन की बात हुई है। असली अपराधियों की तरह सच्चाई से पेश आने वाले इस शो को देखकर मोहल्ले के लोग चुप रह जाते हैं, क्योंकि उनकी तुलना में यह शो कहीं अधिक प्रभावी और सचेत है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
- लोग इसे पुराना शो कह कर टोकते हैं।
- फिर भी शो के किरदारों की सच्चाई और भयावहता को सोशल मीडिया पर सराहा जाता है।
- इन्फ्लुएंसर्स की तुलना में शो की सटीकता अधिक है, जो असली अपराधियों की चालाकी दिखाता है।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी
इन्फ्लुएंसर्स सिर्फ दिखावे तक सीमित रहते हैं, जबकि ‘क्रिमिनल माइंड्स’ असली जटिलताओं और चालाकी को सामने लाता है। इससे यह साबित होता है कि इस शो का मसाला और कथानक गहरा और सटीक है।
सोशल मीडिया का नमक
शो को मज़ाक या खट्टा समझने वालों के बीच यह टॉनिक के जैसा काम करता है जो आजकल की कमजोर स्क्रिप्ट्स और क्लाइंट-माइंड्स से भरे माहौल में नई ताजगी लाता है।
आंटी लोगों की फूँ-फाँ
मोहल्ले की आलोचक आंटियां भी अब ‘क्रिमिनल माइंड्स’ की असलीियत को स्वीकार करती हैं। यह शो साबित करता है कि ड्रामा के साथ-साथ सच्चाई भी हो सकती है और इसी वजह से इसे चाह जो जाता है।
अंत में, ‘क्रिमिनल माइंड्स’ के हर नए एपिसोड को थोड़ा सम्मान देंगे तो यह शो और भी मजबूत और प्रभावी साबित होगा, बिल्कुल हमारे मोहल्ले के खानदान की तरह।
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