
अरे बाप रे! हमारे मिथुन भइया ने बॉलीवुड पार्टियों और अवॉर्ड फंक्शन्स के पीछे का राज़ खोल दिया है। उन्होंने साफ़ कहा, “मैं पार्टी में क्यों जाऊं, जब न शराब पीनी है, न चुगली करनी है।” यह बयान सुनकर उनके फैंस की भी जलन तो बढ़ ही गई!
जलन की शुरुआत हुई तब से जब सुपरसिंह ने कहाः
- “65 फिल्में एक साथ बनाई और 19 रिलीज़? कौन कर सकता है ऐसा?”
लेकिन मिथुन भइया का यह कहना कि बॉलीवुड पार्टियों में जाना उनका स्टाइल नहीं है, इस पर सबसे ज़्यादा हैरानी हुई। पार्टी में जहां लोग जुआ खेलते हैं, ड्रामे करते हैं, वहीं मिथुन अपने परिवार के साथ सीधे रहते हैं।
गुड्डू की मम्मी तक बोल उठीं, “मिथुन वाले झमेले छोड़कर डायरेक्ट फैमिली पिक्चर में लग गए!” यह दिखाता है कि मिथुन भईया की प्राथमिकताएं कितनी साफ़-सुथरी हैं।
मिथुन भइया की प्रमुख बातें
- नो ड्रिंक, नो चुगली: शराब नहीं पीते और किसी की पीछे चुगली नहीं करते।
- परिवार केंद्रित जीवन: पार्टी की चमक-दमक से अलग, उनका ध्यान परिवार पर रहता है।
- सीधे-सादेपन की मिसाल: जिंदग़ी में प्रिंसिपल्स और सादगी को महत्व देते हैं।
- सोशल मीडिया से दूरी: चमक-दमक और झूठी बातें सुनने से बचते हैं।
इन्फ्लुएंसर्स और आम आदमी के बीच भी तुलना हो रही है कि कौन ज्यादा जलता है, लेकिन मिथुन भइया की सच्चाई और परिवार के प्रति उनकी वफादारी सबका दिल जीत चुकी है।
आंटी-चाची की फूँ-फाँ भी असरदार नहीं हो पाती उसके सामने क्योंकि वे जानते हैं कि मिथुन भइया अपने काम और परिवार के प्रति कितने समर्पित हैं।
तो जाहिर है कि मिथुन भइया की पार्टी से दूरी उनकी जिंदगी के उन मजबूत सिद्धांतों का परिचायक है जो इन्हें अलग बनाते हैं। अब भले ही जलन हो, उनकी सादगी और पारिवारिक प्रेम जितना काबिल-ए-तारीफ़ है, उतना ही प्रेरणादायक भी।
और अंत में, शरारती अंदाज़ में कहा जा सकता है- अब दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरो! 😜