
कृति सनोन ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है जो बॉलीवुड की वास्तविकता को बयां करता है—कि महिलाओं वाली फिल्मों को लेकर प्रोड्यूसर बड़े बजट देने में डरते हैं। इस सवाल ने फिल्म उद्योग में पैसों की जंग को फिर से उजागर किया है, जहां हीरो की फिल्मों को भारी रकम मिलती है, लेकिन जब बात महिला कलाकारों की होती है तो बजट आधा या उससे भी कम कर दिया जाता है।
कृति की यह बात उन पारंपरिक सोच को चुनौती देती है जो बॉलीवुड में फैली हुई है, और साफ तौर पर दर्शाती है कि महिलाओं वाली फिल्मों को उतनी प्राथमिकता नहीं मिलती जितनी मिलनी चाहिए। यह मुद्दा न केवल प्रोडक्शन हाउस बल्कि समाज की सोच को भी प्रभावित करता है, जैसा कि पड़ोस की बुआ और सोशल मीडिया पर सुनाई देने वाली प्रतिक्रियाओं से पता चलता है।
बॉलीवुड में बजट की असमानता
- महिला कलाकारों वाली फिल्में अक्सर कम बजट पर बनी हैं।
- हीरो 중심 फिल्मों को ज्यादा फंडिंग मिलती है।
- यह स्थिति फिल्म इंडस्ट्री की जेंडर असमानता को उजागर करती है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर कृति के इस बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है। लोग उनकी बात का समर्थन कर रहे हैं और इसे बॉलीवुड की प्रणाली में बदलाव की दिशा में पहला कदम मान रहे हैं।
महत्वपूर्ण बातें
- बजट असमानता पर खुलकर चर्चा की जरूरत है।
- महिलाओं की फिल्मों को भी पूरा समर्थन और बजट मिलना चाहिए।
- फिल्म इंडस्ट्री में समानता को बढ़ावा देना सभी की जिम्मेदारी है।
इस प्रकार, कृति सनोन की ये बातें बॉलीवुड में पैसों की राजनीति और जेंडर असमानता की पोल खोलती हैं, जो फिल्म उद्योग के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।