
यह क्राइम शो “Criminal Minds” 18 सीज़न तक चला और 84% रेटिंग पाकर भी लोगों के दिल में खास जगह नहीं बना पाया। पड़ोस के लोग और आम जनता इससे प्रभावित नहीं हुई, बल्कि इसे एक अलग नजरिए से देखा गया।
पड़ोसियों की प्रतिक्रियाएं
- WhatsApp पर बातें करने वाली एक बुआ ने कहा, “इतने सीज़न का शो, लेकिन किरदारों में सच्चाई इतनी नहीं कि मनो जूरीकंडीशनर भी पिघल जाए।”
- रमाकांता आंटी ने कहा कि यह शो इतना रियलिस्टिक है कि भगवान भी शर्मा जाएं, लेकिन उनकी तारीफ कोई नहीं करता।
- गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा हो गया; वे कहती हैं कि इस शो की सच्चाई के सामने दूसरे टीवी डांसिंग रियलिटी शो फीके लगते हैं।
सोशल मीडिया और आम आदमी
सोशल मीडिया पर लोग अधिकतर इंजॉय करने, स्टाइल करने और तस्वीरें शेयर करने में लगे रहते हैं। उन सबके बीच ऐसे शो जिनमें असली क्राइम की बातें होती हैं, उन्हें कम पसंद किया जाता है।
सोशल मीडिया पर निम्न बातें सामने आईं:
- लोग इंस्टाग्राम पर छुट्टियों के फोटो शेयर करते हैं और इससे जलन होती है।
- लेकिन “Criminal Minds” जैसे क्राइम शो को कम समझा जाता है, जो हमारे मन को हिला देता है।
- आंटी-जी की चाय पार्टी में चर्चा रहती है कि फैमिली झगड़े और फंक्शन ही असलियत हैं।
आंटी लोगों की मान्यता
हेमलता आंटी ने ठंडा पानी पीते हुए कहा कि भले ही लोग ग्लैमरस दिखाना चाहते हैं, लेकिन इमानदारी से यह शो अपने काम में मास्टर है।
इस प्रकार, “Criminal Minds” जैसा शो क्राइम की गहराईयों को बखूबी दिखाता है पर इसके प्रशंसक उस खास मुकाम तक नहीं पहुंच पाते जहां पड़ोसी और आम जनता इसे स्वीकार करें।
अब हमें भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने की दिशा में जाना पड़ेगा!