
Criminal Minds ने 18 सीज़न पूरे कर लिए हैं और Rotten Tomatoes से 84% की शानदार रेटिंग भी पाई है। लेकिन हमारे मोहल्ले में इसके बारे में कोई खास चर्चा नहीं होती, जबकि इस शो की बात ही कुछ अलग है। यह शो गहराई से किलर्स की भयानक दुनिया को प्रस्तुत करता है, जिसे देखकर मनोवैज्ञानिक भी हैरान रह जाएं।
जलन की पहली चिंगारी
पड़ोस में लोग कहते हैं कि Criminal Minds के साइकोलॉजी के विश्लेषण इतने तगड़े हैं कि दूध वाला तक उनसे टिप्स लेने आता है। इस तरह के शो जिनमें किलर्स का सटीक ट्रीटमेंट होता है, वो मोहल्ले की भाषा में देखने को कब मिलेगा, यह बड़ा सवाल है।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी
सोशल मीडिया पर जहां चमक-दमक वाले वीडियो और फोटोज़ छाए रहते हैं, वही Criminal Minds असली अपराध पर एक गहरा प्रभाव छोड़ता है। WhatsApp वाली बुआ तक कहती हैं कि यह देखने से मोहल्ले के लड़कों की असली सोच पता चल जाती है कि कौन कितना दिमाग लगा सकता है। इससे जलन का स्तर और भी बढ़ जाता है।
सोशल मीडिया का नमक
हर कोई अपने लाखों फॉलोअर्स के साथ मस्ती करता है, पर यह शो 18 सीज़न तक सच्चाई की गहराई से पड़ताल करता रहा है। यही वजह है कि बाकी के इन्फ्लुएंसर्स को इसकी जलन होना लाजमी है। हॉलीवुड की चमक-दमक और हमारे मोहल्ले की वास्तविकता में बड़ा अंतर है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
पड़ोस की आंटी कहती हैं कि Criminal Minds हमारे रोज़मर्रा के ड्रामे की तरह ही है, बस यह थोड़ा खतरनाक ड्रामा है। हर एपिसोड के बाद ऐसा लगता है जैसे हमारा भी डेली डोज़ कुछ ऐसा ही हो।
तो अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें और जलन के अगले धमाकेदार खबरों के लिए तैयार रहें।