
Microsoft और ValueLicensing के बीच लीगल जंग की शुरुआत हो गई है, जहां Microsoft के Office और Windows के सेकंड हैंड लाइसेंस बेचने को लेकर विवाद तेज हो गया है। यूरोप की सेकंड हैंड सॉफ्टवेयर मार्केट में यह मामला भूचाल की तरह फैल रहा है।
लीगल जंग के मुख्य बिंदु
- Microsoft का आरोप है कि सेकंड हैंड लाइसेंस की बिक्री गलत और अवैध है।
- ValueLicensing का दावा है कि वे वैध तरीके से पुराने लाइसेंस बेच रहे हैं, कोई चोरी नहीं हो रही।
- यूरोप की सॉफ्टवेयर मार्केट इस विवाद के चलते हिल गई है।
- Microsoft के लॉयर्स तेज़ी से मामले को लड़ने के लिए तैयार हैं।
समाज और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर भारी चर्चा है। इंस्टाग्राम पर कई मजेदार मीम्स वायरल हो रहे हैं, जिससे हँसी रोकना मुश्किल हो गया है। लोग Microsoft के इस विवाद को लेकर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि इतनी बड़ी कंपनी अपनी लाइसेंस की लड़ाई कैसे हार सकती है।
इस लड़ाई के संभावित परिणाम
- अगर Microsoft मुक़दमा हार जाती है, तो सेकंड हैंड सॉफ्टवेयर मार्केट में क्रांति आ सकती है।
- सस्ते दामों में Microsoft के कई महंगे प्रोडक्ट जैसे Office और Windows आम लोग इस्तेमाल कर पाएंगे।
- इसके बाद लाइसेंस की छुप-छुप के बिक्री और कड़ी कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है।
यह पूरी लड़ाई मोहल्ले की चुगली वाली आंटी जैसी खुज-खुज और मजेदार है। अब देखना होगा कि Microsoft और ValueLicensing में से कौन बाज़ी मारता है और सेकंड हैंड सॉफ्टवेयर बाज़ार का असली राजा बनता है।