
दिल्ली में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहाँ दो ठगों ने मासूम लोगों को टीवी शोज़ में रोल दिलाने के नाम पर ₹24 लाख रुपये ठग लिए। साइबर पुलिस ने इन धमाकेदार धोखेबाजों को पकड़ लिया है। इस कहानी में पड़ोसन की चर्चा और सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएँ भी शामिल हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं।
जलन की पहली चिंगारी
पड़ोस वाली बुआ शुरू से ही संदेह करती रही कि टीवी की दुनिया में सीधे काम मिलना संभव नहीं है। परंतु मासूम लोगों को “रोल मिलेगा, रोल मिलेगा” के झांसे में फसा कर ठगी कर ली गई। WhatsApp वाली आंटी ने ठगों की एंट्री और एक्टिंग दोनों की खूब आलोचना की।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
गुड्डू की मम्मी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतने पैसे देकर भी बेटी को कैमरे के सामने नहीं ले जाया गया, जो कि साफ-साफ धोखा है। उन्होंने पड़ोस की बिच्छू आंटी के अंदाज में भी मजाक़िया टिप्पणियाँ की।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी — कौन जले ज़्यादा?
सोशल मीडिया के प्रभाव से आम लोग भी इस धोखे का शिकार बन रहे हैं। टीवी रियलिटी के चक्कर में लोग जलन-जलेबी जैसी स्थिति में पहुँच गए हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इस खबर ने जबरदस्त सुर्खियां बटोरी हैं, जो लोगों के लिए चेतावनी भी है।
सोशल-मीडिया का नमक
फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लोग अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कईयों का मानना है कि ऐसे ठग केवल फोटो लेने में माहिर हैं और सपने बस एक धोखे के स्वरूप हैं। पड़ोसी काकी जैसे लोग तो इससे इतना परेशान हुए कि उनका दिमाग़ शॉर्ट सर्किट हुआ।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
पड़ोस की आंटी लोग अब खुद कैमरा लेकर सावधानी बरतने लगी हैं और सीधे सवाल पूछने को तैयार हैं, “ये टीवी का काम है या फिर ड्रामा?” इस तरह की गपशप हमें हँसाने के साथ-साथ झूठे सपनों के प्रति सचेत भी करती है।
इस पूरी घटना से यह सीखने को मिलता है कि सपनों के नाम पर धोखा करने वाले लोगों से सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है। और साथ ही ध्यान देना चाहिए कि सोशल मीडिया की चमक-दमक के पीछे हमेशा सच नहीं छुपा होता।