
अरे बाप रे! डेक्सटर के बाद भी हमारे टीवी के भूत बहुत चुस्से वाले निकले! वही वाला सिरीयल किलर वाला ड्रामा जो देख के अम्मा-पापा भी कहते, “भई, ये क्या कंटेंट चल रहा है?”
🥵 “जलन की पहली चिंगारी”
चलो मानते हैं डेक्सटर का जलवा था बड़ा भारी, पर अब तो नया जमाना है—‘यू’ वाला जो ग़जल सुनाने वाला पॉर्न स्टार नहीं, बल्कि खतरनाक इश्क वाला! बॉस, उसकी साड़ी नहीं, उसके खून की धार देख कर मनो जूरीकंडीशनर भी पिघल गया! WhatsApp वाली बुआ से सुना है कि पड़ोसन भी कह रही थी, “ऐसा तो हमारे घर का गुड्डू भी ना कर पाए!”
😏 “गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा”
इंटरनेट पे ये शो चल रहा है और हमारा गुड्डू अभी तक अपने 10वीं के रिजल्ट की चिंता कर रहा है! चलो, गुड्डू भी कोशिश करता, पर ये जो सिरीयल किलर हैं न, इनकी तो स्मार्टनेस के आगे तो हमर भाई भी लोटपोट! पड़ोस की आंटी बोलीं, “ऐसे तो गुड्डू के पैकेज के डर से मम्मी का मुँह टेढ़ा हो जाएगा!”
🤯 “इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?”
सोशल मीडिया पे सिरीयल किलर के फोटो, वीडियो, मीम्स—इतनी चमक दिखाई कि आम आदमी की तो जलन-जलेबी घुल गई! अरे, अगर ये सब जलवे पड़े टेलीविज़न पे, तो ये गली-मोहल्ले के छोरे कैसे टिक पाएंगे? “कहाँ है गुड्डू के 10-पैक ऐब्स जब इतना रोमांच चाहिए?” पड़ोस की बिच्छू आंटी ने हल्ला मचाया।
😒 “सोशल-मीडिया का नमक”
सोशल मीडिया खुद में एक माइंड गेम बना रखा है। सिरीयल किलर के सीरियस होने के बावजूद ये शोज़ बनते हैं जैसे कोई बिग बॉस का नया सीजन! खैर, लोगों की बात तो होती रही, पर काश हमारे महंगे डेटिंग ऐप्लिकेशन में भी इतना दिलचस्पी होती! क्या पता, हमारे मोहल्ले के छोरे भी कोई ‘डेक्सटर’ बन जाएं? वाह, काजल इतना गाढ़ा कि मेरी किस्मत भी काली पड़ गई!
😏 “आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ”
पड़ोस की आंटी का कहना है कि ये सब देख कर तो वह खुद डर जाती हैं कि कहीं उनकी साड़ी में छुपा कोई सिरीयल किलर तो नहीं! अगर सच कहूँ, तो मन में एक जलन भी बैठ जाती है—तभी तो हम भी ऐसे सुपरस्टार बने, जिनकी निगाहों से जलन की आग निकले।
तो भई, ये नए सिरीयल किलर वाले ड्रामे ने तो पूरा मोहल्ला हिला दिया है। अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें…
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!