
अरे वाह! ‘परम सुंदरी’ फिल्म ने न केवल बड़े पर्दे पर धमाल मचाया, बल्कि मोहल्ले की आंटी-चौक तक अपनी छाप छोड़ी है। इस फिल्म के इर्द-गिर्द फैली जलन और प्रशंसा की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण हमें सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी सोचने को मजबूर करता है।
जलन की पहली चिंगारी
जैनवी कपूर की महंगे और चमकदार साड़ी ने पड़ोस की कालू आंटी की नज़रों में जलन की आग भड़काई। उनका कहना था कि इतने पैसे कहां से आते हैं।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
गुड्डू की मम्मी के अलावा पड़ोस की बुआ ने भी जैनवी के गाढ़े काजल और सिद्धार्थ की दबंग अदाकारी की बात की। उन्होंने फिल्म के इस मसालेदार स्टाइल को खास तौर पर नोट किया।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?
सोशल मीडिया पर फैन्स और जलन झलक वाले दोनों ही पक्षों के बीच बहस छिड़ गई:
- कुछ ने कहा – इतनी बजट वाली फिल्म देखकर उनकी जेब जल गई।
- दूसरे ने हंसकर कहा – हम भी इस फिल्म से प्रेरणा लेकर अपनी लाइफ में चमक लाएंगे।
सोशल-मीडिया का नमक
व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी चर्चा का विषय बनी फिल्म के गाने, जिन्हें इतना तेज बताया गया कि “जूरी का कंडीशनर भी पिघल गया।” इस बीच, #ParamSundariDanceChallenge ने और भी चर्चाएं बढ़ाईं।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
मोहल्ले की आंटियों ने अपनी जलन का इजहार इस तरह किया कि, “इतनी चमक दमक देखकर हमारी रौनक फीकी पड़ गई। नेकदिली से उन्होंने कहा कि वे भी इस लाइफ स्टाइल में आना चाहती हैं।”
निष्कर्ष: ‘परम सुंदरी’ फिल्म ने जहां दर्शकों को मनोरंजन दिया, वहीं सामाजिक माहौल में जलन और प्रशंसा का एक नया रंग भी छेड़ दिया। जलन की ये कहानी भी अपने आप में बताती है कि चमक-दमक और सफलता पर एक समुदाय की विविध प्रतिक्रियाएं कैसी होती हैं।
तो चलिए, दही-शक्कर खाकर अपनी भी लाइक्स बटोरते हैं और अगली ज़ोरदार जलन के लिए तैयार रहते हैं!