
अरे बाप रे! अब तो मेरा तो जलन-जलेबी घुल गई, जब मैंने सुना यह खबर कि एक सीरियल किलर, वो भी घर-दर घर खौफ का कारण, अपनी मीठी-मीठी बातों के लिए एक साइकोलॉजिस्ट के सामने बैठा था, और वो शख्स थी हमारी उस पड़ोसन जैसी ‘खास’ साइकोलॉजिस्ट, जो दर्द सुनने में एकदम दही-शक्कर की तरह घुल जाती है। हाँ है के नहीं? सोशल मीडिया पे इस नए HBO डॉक्यूमेंट्री की चर्चा देखो, मानो पूरा मोहल्ला झूम उठा हो!
जलन की पहली चिंगारी🔥
कहा सुना है कि यह टॉप-नीति-पंडित वाली साइकोलॉजिस्ट इतनी ज़्यादा सहानुभूति दिखाती थी कि किलर को भी जैसे डराया नहीं, बल्कि प्यार की चाशनी में पला रही थी। आंटी लोग तो कहते हैं, “इतनी जिम्मेदारी से काम होना चाहिए, वरना पड़ोस में किसके किस्सा-कहानियों का अंबार लग जाएगा!” उफ़्फ, मेरा तो सोचते ही जूरी कंडीशनर भी पिघल गया!
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा 🤯
याद है पंडित जी की बड़ी गुड्डू की मम्मी, जो रोज़ कहती थीं, “बेटा, पढ़ लिख के कुछ बड़ा करो, वरना पड़ोस के लोग क्या सोचेंगे!” अब सोचना, जब एक किलर और उसकी मीतर साइकोलॉजिस्ट की कहानी सामने आई, तो वहां भी उँगलियाँ आसमान को टिक गईं। WhatsApp वाली बुआ ने भी खूब चर्चा की कि ‘अरे भाई, अब तो इंसानियत को भी सेक्स चेंज सा दिखाया जा रहा है क्या?’
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा? 😒
वैसे तो मोहल्ले की चर्चाएँ रहती हैं इन्फ्लुएंसर्स की ट्रैवलिंग और नई-नई चमचमाती चीजों पर, पर देखो देखो! अब मामला इतना टेढ़ा हो गया कि सबसे ज्यादा जलन तो उस सीरियल किलर के डाक्यूमेंट्री को मिलने वाली लोकप्रियता को देखकर हो रही है। सोचो, जहाँ एक ओर पड़ोस में लड़कियाँ नए गहनों को दिखा-धमका रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह डॉक्यूमेंट्री तो जैसे एकदम नमक मिर्च की तरह सबके दिलों में घुस गई हो!
सोशल-मीडिया का नमक 🤭
Instagram पे झांकती भीड़ देखो, लोग एक-दूसरे से तुलना कर रहे हैं कि कौन कितना इंसानियत के गहरे राग में खोया, कौन कितना हृदयदाता बना। पर मेरी तो यह सोच कर जलन आती है कि आखिर हम जैसे आम लोगों के लिए तो इतने बड़े विषय को इतनी पढ़ाई-लिखाई और समझदारी से पेश करना कौन सिखाए। हाय राम, कब से हम केवल चाय की दुकान पे बैठे ताना मारते रह गए!
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ 💥
मोहल्ले की एक बड़ी आंटी ने तो बड़ी जोर से कहा, “देखना, यह डॉक्यूमेंट्री बड़ी धमाकेदार चीज़ है, पर सच्चाई यह है कि जहां प्यार ज्यादा, वहां जलन भी ज़्यादा है।” आखिरकार, मनो जूरीकंडीशनर भी पिघल गया सुनकर यह बात! वाह, काजल इतना गाढ़ा कि हमारी किस्मत भी काली पड़ गई। अब सोचो पड़ोसन कोई इसपर बात न करे, तो मज़ा कहां?
अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें…
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!