
पॉडकास्टिंग की दुनिया में अब वक्त बदल गया है। पहले जहां ऑडियो सीरियल्स का दौर था, वहीं अब वीडियो पॉडकास्ट ने बाज़ी मार ली है।
ऑडियो सीरियल्स की धीमी होती चमक
जो लोग कभी ऑडियो पॉडकास्ट्स को सबसे शक्तिशाली मीडिया मानते थे, वे अब वीडियो पॉडकास्ट के सामने कमजोर दिख रहे हैं। WhatsApp वाली बुआ की बात बिल्कुल सही है कि अब फोटो और वीडियो को ज्यादा पसंद किया जा रहा है, और ऑडियो को बचपन की याद कहा जा रहा है।
सोशल मीडिया की नई पसंद: वीडियो पॉडकास्ट
- लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सब वीडियो बनाने लगे हैं।
- पहले सुनो और सोचो का दौर था, अब देखो, सीखो और प्रभावित हो जाओ का जमाना है।
- अप्रत्यक्ष रूप से यह साबित हो रहा है कि वीडियो में चेहरा दिखाना आवश्यक हो गया है, जिससे काम का प्रभाव बढ़ता है।
पड़ोस की प्रतिक्रियाएं और सोशल मिडिया की चमक
पड़ोस की आंटी और गुड्डू जैसी प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि वीडियो पॉडकास्ट की चमक काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया की चाशनी के इस दौर में पुरानी चीजें जैसे ऑडियो सीरियल्स भूली-बिसरी होती जा रही हैं।
बदलते जमाने की चुनौतियां और राहें
पुराने ऑडियो पॉडकास्टर अब सोच रहे हैं कि कहीं वे भी कैमरे के सामने आकर अपनी जगह बना लें। जलन के वायरल वीडियो में अधिक लाइक्स और ध्यान मिलता है, इसलिए मीडिया के इस नए रूप को स्वीकारना जरूरी हो गया है।
निष्कर्ष: वीडियो पॉडकास्टिंग ने पारंपरिक ऑडियो पॉडकास्ट्स की जगह ले ली है, और अब समय है कि हम भी इस नई तकनीक का सहारा लेकर मीडिया की दुनिया में अपनी पहचान बनाएं।