
ओ माई गॉड! ममता दीदी के बंगाली प्रमोशन के सुझाव ने पड़ोसन के मुँह में चूना लगा दिया है। आइए जानते हैं कि कैसे यह बात पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बनी।
जलन की पहली चिंगारी
ममता दीदी ने कहा है कि बंगाली फिल्म और टीवी सीरियल में अपनी प्यारी बोली को और भी चमकाना चाहिए। यह सुझाव सुनकर पड़ोसन की कुछ महिलाओं में जलन की आग भड़क गई। मोहल्ले की पिंकी तो अभी तक अपने मोबाइल पर भी बंगाली सबटाइटल्स नहीं लगा पाई है, जिससे उसकी जलन और बढ़ गई।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
WhatsApp वाली बुआ ने कहा कि यह तो हमारे जमाने की बात है जब घरों में बंगाली ही बोला जाता था। अब बच्चों को हिंदी और अंग्रेज़ी का ही ज़ोर दिया जाता है। इससे पुरानी यादें ताजा हो गईं और भावनाओं के जूरी-कंडीशनर पिघल गए।
इन्फ्लुएंसर्स बनाम आम आदमी
सोशल मीडिया पर बंगाली फिल्मों की चमक धमक कम नहीं है, लेकिन असली जलन पड़ोसी के बेटे को देखकर होती है जो विदेशी अवसरों में उड़ान भर रहा है। ममता दीदी की भाषा बढ़ावा देने वाली बातें इस मसालेदार चर्चा में और रंग भरने लगीं।
सोशल मीडिया का नमक
- सोशल मीडिया पर रिजेक्टेड टिकट और इंडिपेंडेंट फिल्म मेकर्स का समर्थन बढ़ा।
- ममता दीदी के सुझाव से ये बातें पुरानी फिल्मों और गानों की याद दिलाती हैं।
- दिल के आंगन में थोड़ी जलन भी है क्योंकि किसी की चमक देखकर जलना भी फन लगता है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
पड़ोस की आंटी फिर से चाय के साथ चर्चा कर रही थीं:
“ममता दीदी ने कहा कि अपनी भाषा में गर्व करो। हमारी पिंकी भी बेल्लो जगत में नाम कमाने लगी है। प्रमोशन अच्छी बात है, लेकिन असली जलन तब होती है जब हमारी बिरयानी भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करे!”
इस तरह से ममता दीदी का बंगाली प्रमोशन पूरे मोहल्ले में चर्चा और हलचल का कारण बन गया है। यह सुझाव एक तरफ़ मोहल्ले में उत्साह भर रहा है तो दूसरी तरफ़ कुछ जगहों पर हल्की-फुल्की जलन भी दिख रही है।
तो चलिए, अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने की तैयारी करें, क्योंकि यह मोहल्ला जलन और मनोरंजन का फुलपावर मिश्रण लेकर हर दिन नयी कहानियाँ लेकर आता रहेगा।
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!