
जलन की पहली चिंगारी
अरे उफ़्फ, जो खबर आई है, उसने तो पूरे गली-मोहल्ले का दिमाग घुमा दिया! ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ का प्रीमियर टाइमिंग निकला सामने—और वह भी इस कोरोना के बीच! कहा सुना है, नयी सीरीज तो जैसे आग लगाने आई है। पूरा मोहल्ला कह रहा है, “अरे भई, वो तो पुरानी यादें ताज़ा करने वाली है, पर जिस तरह की चमक-दमक का इंतजाम किया गया है, हम तो दंग रह गए!” मनो जूरीकंडीशनर भी पिघल गया होगा।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
पड़ोस की बुआ बोली, “सुनो तो सही, इतनी कहानी, इतनी ड्रामा, और इतने एपिसोड कि बहू-सा बनाम सास की लड़ाई फिर से तेज होने वाली है!” अरे, मेरे तो मन में खटखटाना शुरू हो गया कि काश हम भी टीवी पर चमकते। WhatsApp वाली बुआ ने बताया कि “जहाँ पहले सीजन की सादगी भरी थी, वहाँ अब तरीक़ा ही बदल गया है, कैमरा, लाइटिंग, सब कुछ बड़ा ‘फैंसी’!”
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?
सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है यह खबर, हर कोई जलन महज़ूमे की तरह फैलाए जा रहा है। कोई कहता है “हाय रे, जब पहली बार माता-पिता को दिखाना था तो हम भी टीवी पर होते!” तो कोई कहता है “इतना बड़ा बजट देखकर तो मन कर रहा है की हम भी कोई सीरीज शुरू करें अपने मोहल्ले की।”
सोशल-मीडिया का नमक
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इस शो के ट्रेलर आते ही लाइक्स के झरने बरसने लगे। “देख, देख इसकी साड़ी कितनी शाही!” और “अरे यार, ये महंगे सेट तो हमारे सपनों से बाहर।” पर मज़े की बात ये है कि हर जलन की टपकन के पीछे एक प्रशंसा का तड़का भी होता है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
पड़ोस की आंटी कहती हैं, “पहली सीरीज में तो भावुकता थी, अब तो हर कोई कैमरे के सामने इतनी चमक दिखाता कि असली रिश्तों की कहानी कहीं खो सी गई।” लेकिन ये भी मानना पड़ेगा कि ये शो मोहल्ले का बहुत बड़ा टॉपिक बन चुका है। अब सबकी जुबान पर यह कहानी छाई हुई है।
तो खैर, अब जब ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ हमारे टीवी स्क्रीन पर आने वाला है, तो मोहल्ले की हर पूछताछ, हर जलन का तड़का बना रहेगा। अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें…
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!