
स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय ने एक साथ मंच पर ऐसा जलवा दिखाया कि सबकी आँखें उन पर टिकी रह गईं। उनकी रेज़मंडर स्वाभाविक प्रस्तुति और जोश भरे अभिनय ने दर्शकों का मन मोह लिया। जब उन्होंने ‘कुंकी सास भी कभी बहू थी 2.0’ के विरोध में अपनी बात रखी, तो वहां उपस्थित सभी ने उनकी बातों का समर्थन किया।
इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय दी और यह भी बताया कि कैसे वे अपने कला क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पार्टी के मुख्य आकर्षण
- स्मृति ईरानी की संजीदा और प्रभावशाली बातें
- अमर उपाध्याय की ऊर्जा और मंचीय प्रस्तुति
- दर्शकों की प्रतिक्रिया और उनका उत्साह
कार्यक्रम का प्रभाव
उनकी इस प्रस्तुति ने ‘कुंकी सास भी कभी बहू थी 2.0’ के खिलाफ माहौल को और बढ़ा दिया है। इस कार्यक्रम में मौजूद समीक्षक और फैंस दोनों ही इस अंदाज़ को देखकर काफी उत्साहित नजर आए।
आगे की उम्मीदें
स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय की यह जोड़ी भविष्य में भी ऐसी ही प्रेरक प्रस्तुतियां देने के लिए तैयार है, जिससे कला क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।