
बॉलीवुड और टीवी की दुनिया में विलेन बनने का अनुभव कितना दिलचस्प हो सकता है, यह इन छह सितारों से बेहतर कोई नहीं बता सकता। इन कलाकारों ने अपनी अदाकारी से न केवल दर्शकों के दिलों में डर पैदा किया, बल्कि जलन की ऐसी चिंगारी भी भड़काई कि उनके किरदारों की चर्चा हर चौपाल में होने लगी। आइए, जानते हैं इन विलेन सितारों की जलन-भरी कहानी:
जलन की पहली चिंगारी
अनूपम श्याम का ‘सजजन सिंह’ किरदार इतना प्रभावशाली था कि मोहल्ले के बच्चे भी उसकी झलक देखकर डर जाते थे। WhatsApp वाली बुआ तक कहती थीं कि इन विलेनों के कारण बच्चे खाना भी भूल जाते हैं। उनके इस पात्र ने दर्शकों के दिलों में एक अलग ही छाप छोड़ी, जो लोगों की जलन को भी बढ़ाता था।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
ऊर्वशी धोळकिया ने कमोलिका के किरदार से पूरे मोहल्ले को अपनी पकड़ में रखा। उनकी महंगी साड़ियों की चर्चा हर घर में थी, और पड़ोस के लोग उनकी लक्जरी देखकर जल उठते थे। विलेन होते हुए भी उन्होंने राजा की तरह राज किया, जो एक बिरला उदाहरण है।
इन्फ्लुएंसर vs. आम आदमी—कौन जलता है ज़्यादा?
रॉनी रॉय के विलेन रोल की बात करें तो उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि लोग कहते थे, “अगर पड़ोसी रॉनी जैसा हो, तो मोहल्ला सो जाएगा।” लेकिन अब सोशल मीडिया के जमाने में आम आदमी भी विलेन बनने लगे हैं, जहां कैमरे के सामने ताने मारना आम सा हो गया है।
सोशल-मीडिया का नमक
सुधा चंद्रन और सुधेश बेरी के विलेन किरदार बचपन से चर्चा में थे। सुधा चंद्रन की आंखों के डेमो में ऐसा जादू था कि सभी कहते थे, “देखो तो सही, ये तड़प है या जलन!” सोशल मीडिया पर इनके जलन वाले मीम्स आग की तरह दौड़ते हैं, जिससे मनोरंजन का नया स्तर हासिल होता है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
संग्राम सिंह की नकारात्मक भूमिकाएं भी कम प्रभावशाली नहीं थीं। मोहल्ले की आंटियां तो कहती थीं, “इससे बड़ी देर से तो हमारा चूल्हा भी नहीं जला!” इन विलेन किरदारों ने मनोरंजन के साथ-साथ जलन की तीव्रता भी बढ़ाई, जिससे वे वास्तव में अपने दर्शकों के लिए सुपरहीरो साबित हुए।
तो अगली बार जब कोई विलेन वाला सीन देखें, तो समझें कि यह जलन आपकी असली भावना है या केवल स्क्रीन पर खेल हो रहा है। अब दही-शक्कर लेकर लाइक्स बटोरने की बारी है!