
अरे बाप रे! ‘एक आकाश के नीचे’ ने बंगाली टीवी की दुनिया में एक धमाकेदार क्रांति ला दी है। इस धारावाहिक ने न सिर्फ बंगाली टीवी को जलाया है बल्कि हमारी भी जुबान में एक नई गर्मी ला दी है।
जलन की पहली चिंगारी
जब ये शो २५ साल पहले आया था, तब से ही इसकी कहानी और पात्रों ने दर्शकों के दिलों में तुफान मचा दिया। पुराने ज़माने के जूरीकंडीशनर भी मानो पसीना पोछने लगे थे।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
यह धारावाहिक सांस्कृतिक तौर पर एक बड़ा बदलाव लेकर आया। पड़ोसी की आंटी की बात करें तो उन्होंने इसे इतना शानदार बताया कि हमारी चाय में डाली गई चीनी भी मुरझा गई।
इन्फ्लुएंसर्स vs आम आदमी
शो ने टीवी की दुनिया के इंस्टाग्राम स्टार्स की तरह बिना फिल्टर के असली चमक दिखाई। इस वजह से आम फैंस में जलन इतनी बढ़ी कि वे जल-जुलस गए। बंगाल के नाटक में ग्लैमर तो आया, लेकिन मसाले भी बढ़ गए।
सोशल मीडिया का नमक
सोशल मीडिया ने इस धारावाहिक को फिर से तड़का लगाया, जिससे इसकी लोकप्रियता एक नए स्तर पर पहुंच गई। लोग इसे रीमेक्स कर रहे हैं और यह बात हमें तब से जलाती आई है जब यह शो पहली बार आया था।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
पड़ोस की बुआ कहती हैं, “क्या ‘एक आकाश के नीचे’ की चमक के सामने हमारी ज़िंदगी की बिजली गुल है!” यह दर्शाता है कि धारावाहिक की लोकप्रियता के सामने सभी फीके पड़ जाते हैं।
तो अगली बार जब भी कोई ज़ोरदार जलन हो, तो हम यहाँ Jelousy News के साथ रहेंगे!