
बॉलीवुड के स्टार किड्स और सियासत दोनों के बीच नेपोटिज़्म एक गर्म मुद्दा बना हुआ है। हाल ही में आर्यन खान ने ‘द बाबाज़्ड ऑफ बॉलीवुड’ के ट्रेलर में इस मुद्दे को लेकर जो तेवर दिखाए, उसने हर किसी को चौंका दिया। इस ट्रेलर में उन्होंने नेपोटिज़्म की कड़ी आलोचना की है, जो दर्शाता है कि यह विषय अब फिल्मों की दुनिया तक सीमित नहीं रह गया है।
आर्यन के इस बयान के बाद फ़ैंस के साथ-साथ इंडस्ट्री के अन्य कलाकार भी चर्चा में आ गए हैं। खासकर अनन्या पिड़त चतुर्वेदी का नाम भी इस विवाद में जुड़ा है। उनका भी अनुभव नेपोटिज़्म के चलते झुलसने जैसा रहा है, जिसे इस ट्रेलर में बखूबी दिखाया गया है।
नेपोटिज़्म पर आर्यन खान का प्रभावशाली बयान
- आर्यन खान ने ट्रेलर में खुलकर नेपोटिज़्म की बुराइयों पर बात की।
- उन्होंने बताया कि कैसे यह प्रथा नए और टैलेंटेड कलाकारों के रास्ते में रोड़ा बनती है।
- इसके अलावा, उन्होंने इंडस्ट्री में बदलाव की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।
अनन्या पिड़त चतुर्वेदी की भूमिका
अनन्या पिड़त चतुर्वेदी को इस ट्रेलर में नेपोटिज़्म के शिकार के रूप में भी दिखाया गया है, जो उनकी असल ज़िंदगी के अनुभवों से मेल खाता है। उनकी कहानी से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ स्टार किड्स को ही तरजीह नहीं मिलती, बल्कि कई बार उन्हें भी अपने हुनर को साबित करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
क्या होगा बॉलीवुड का भविष्य?
- आने वाले समय में नेपोटिज़्म पर खुली बहस होने की संभावना है।
- टैलेंट को मौका देने की दिशा में शायद कुछ सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।
- स्टार किड्स और बाहरी कलाकारों के बीच बेहतर समझ और सहयोग देखने को मिल सकता है।
द बाबाज़्ड ऑफ बॉलीवुड का यह ट्रेलर न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक संदेश भी देता है। बॉलीवुड के प्रशंसकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जो उद्योग की वास्तविकताओं को सामने लाता है।