
रवीना टंडन, जो 90 के दशक की सबसे मशहूर और स्टाइलिश एक्ट्रेसेस में से एक हैं, ने हाल ही में बॉडी-शेमिंग के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जिस दौर में वे इंडस्ट्री में आईं, उस समय बॉडी-शेमिंग का चलन कितना आम था और इससे उन्हें कैसे जूझना पड़ा।
रवीना ने अपनी बातचीत में कहा कि फिल्मों में उनकी फिटनेस और लुक्स पर लगातार सवाल उठाए जाते थे, और कई बार उन्हें उनके शरीर के आकार को लेकर बहुत तंग किया जाता था। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से सबको जवाब दिया।
रवीना के अनुभव और संदेश
- बॉडी-शेमिंग का सामना: रवीना ने स्वीकार किया कि उन्हें कई बार मीडिया और इंडस्ट्री से नेगेटिव कमेंट्स सुनने पड़े, लेकिन वे हमेशा खुद पर काम करती रहीं।
- स्वयं को स्वीकारना: उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी है कि वह खुद को स्वीकारे और प्यार करें, चाहे समाज कुछ भी कहे।
- सकारात्मक मानसिकता: रवीना ने अपने फैंस को यह संदेश दिया कि बॉडी-शेमिंग के खिलाफ आवाज उठाएं और हमेशा पॉजिटिव रुख बनाए रखें।
90 के दशक की “थंडर थाइज” का जीवन दर्शन
रवीना टंडन की यह कहानी न सिर्फ एक संघर्ष का इतिहास है, बल्कि यह आज के दौर में भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। उन्होंने दिखाया कि सच्ची खूबसूरती बाहरी रूप से नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास और आंतरिक शक्ति से आती है।
इस प्रकार, रवीना टंडन ने बॉडी-शेमिंग के काले सच को उजागर करते हुए एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे को सामने लाया है और सबको यह सीख दी है कि खुद से प्यार करना सबसे बड़ी जीत है।