
रवीना टंडन ने 90 के दशक में अपने ‘थंडर थाइज’ उपनाम के साथ बॉडी शेमिंग का सामना किया। लेकिन आज वह अपनी चमक-दमक से सभी को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। इस बदलाव की कहानी ज़िंदगी की एक प्रेरक यात्रा है जो हमें दिखाती है कि सोशल मीडिया और वास्तविकता में कितना फर्क है।
जलन की पहली चिंगारी
90 के दशक में गपशप मैगज़ीनों ने रवीना टंडन को ‘थंडर थाइज’ कहकर बॉडी शेमिंग की शुरुआत की। यह समय था जब सेलिब्रिटी की छवि पर निगरानी रखी जाती थी और गपशप का बाजार गर्म रहता था। मोही-तस्वीर वाले भी बड़ी चालाकी से इस विषय पर चर्चा करते थे।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
वो दौर जब सार्वजनिक रूप से बॉडी शेमिंग सामान्य था और यह गपशप अखबारों की एक अलग कहानी बन गई थी। रवीना ने इस लड़ाई का सामना किया और आज वह स्क्रीन पर दमकती हैं, जो उनकी अपनी मेहनत और दृढ़ता का परिणाम है।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?
आज का दौर सोशल मीडिया का है, जहाँ हर कोई अपनी ‘परफेक्ट बॉडी’ दिखाता है। लेकिन रवीना की यूनिक स्टाइल और नैचुरलनेस की कमी यहाँ साफ नजर आती है। सोशल मीडिया की दुनिया में एक गलत फिल्टर ही जलन का तांडव मचा सकता है।
सोशल-मीडिया का नमक 🧂
- रेशमी साड़ियाँ
- ठसकती एब्स
- विदेश की मस्ती की तस्वीरें
इनसे पड़ोस की बिच्छू-आंटी की आँखें जलती हैं क्योंकि वह देखती हैं कि उनके गुड्डू के पास इंटरनेशनल पैकेज नहीं है, पर इंस्टाग्राम पर सब कुछ जमता है।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ 💨
बॉडी शेमिंग की आग में अक्सर पड़ोस की गपशप शामिल होती थी। अब यह सब बातें आउट ऑफ फैशन हो चुकी हैं। आज की नई पीढ़ी अपनी चमक-दमक को उच्चतम स्तर पर लेकर चल रही है, और पड़ोसवालों की जलन केवल बढ़ती जा रही है।
जलन की इस बदबूदार महफ़िल में हम भी शामिल हैं और चलिए, दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने निकल पड़ते हैं। अगली मज़ेदार जलन के लिए बने रहिए Jelousy News के साथ!