September 11, 2025
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जलन की पहली चिंगारी

अरे वाह, क्या बात है! कहां थी वो फिल्मों की चमचमाती दुनिया, और कहां अब केरल हाईकोर्ट ने कह दिया—‘भई, जंगलों और संरक्षित इलाकों में कॉमर्शियल फिल्मों और टीवी सीरियल्स की शूटिंग मना है!’ मनो जूरी कंडीशनर भी पिघल गया सुन के! अब तो हरियाली को बचाने की ठानी है, पर भाई साहब, ये तो सीधे-सीधे फिल्मी दुनिया की चमक-दमक पर तगड़ा पहलवान लग गया। गपशप भी जोरों से शुरू—WhatsApp वाली बुआ बोली, “अरे, अब तो हरी-भरी जगहों की शूटिंग के लिए नया ठिकाना ही ढूंढना पड़ेगा।”

गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा

समझो कि पड़ोस के गुड्डू की मम्मी का मुँह जेब से निकाल के सीधा गली में गिर गया यह खबर सुन के! कहते हैं, “पहले तो जंगल-झाड़ी में शूटिंग करके मस्ते उड़ाते थे, अब सरकारी बंदिशें जो हैं, तो गुड्डू का सपना भी पानी-पानी!” हा हा, मज़ाक नहीं, ये नई पाबंदी पल-पल जलन का तड़का लगाती है। जब ड्रोन उड़ाने वाले से लेकर कलाकार तक सब पे लगाम कसी जाए, तो जलन से बचना नामुमकिन है।

इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?

और देखना, केरल की ये खबर सोशल मीडिया पर छाई हुई है। फोटो-वोटो लेके घूमने वाले इन्फ्लुएंसर तो पहले ही लाइमलाइट में रहते हैं, पर अब ये नया रूल सुन के उनके जलने वाली अटेंशन भी डबल हो गई! हल्की सी छायादार जगह में भी क्लिक मारते थे, अब तो वन विभाग की टांग अटक जाएगी। आम आदमी की तो बात छोड़ो, वो तो खुश हैं जवाबदार अधिकारियों की ये भूमिका देखकर। आखिर, जंगल घर जैसा है, और हरियाली से बढ़कर कुछ नहीं!

सोशल-मीडिया का नमक

सोशल मीडिया पर तो लोग इस खबर को लेकर मज़े-मजाक उड़ाने लगे:

  • “अब तो फिल्म बनाने वाले भी पेड़-पौधों से पूछेंगे—‘भाईया, शूटिंग के लिए इजाज़त है के नहीं?’”
  • “ये सब देखकर लग रहा है कि जलन नहीं, अब सच में इंतज़ाम होने वाले हैं! देर आए, दुरुस्त आए।”

सच में, जलन के साथ-साथ एक सराहना भी दिख रही है कि प्रकृति बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ

पड़ोस की आंटीजन भी इस खबर पर फूँ-फाँ करते हुए बोलीं, “तुम्हें पता है, ये नई मूवीज की शूटिंग वाली जगह पे अब पुलिस और वन विभाग की पैनी निगाह का ताला लग जाएगा। दुकानें हों या मां-बच्चों की तस्वीरें, सब पे निगरानी!” वाह साहिबा, एकदम जिम्मेदारी की मिसाल!

इतना सब सुन के हम भी कहेंगे—आख़िर जलन के इस सूप में थोड़ा सा मसाले का काम तो होना ही चाहिए। कौन जानता था कि हमारे प्यारे केरल के जंगल भी फिल्मों की भीड़ से निजात पाएंगे! अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें…

> अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!

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