
90 के दशक की गॉसिप मैगज़ीन “गपशप गुड्डी” की बात करें तो उस दौर में भी आइकॉनिक हस्तियों जैसे रवीना टंडन की बॉडी-शेमिंग की खबरें खूब मशहूर थीं। खासतौर पर रवीना की “थंडर थाइज” को लेकर जो टिप्पणियाँ होती थीं, वे उनकी ग्लैमर से ज्यादा चर्चा का विषय थीं।
जलन की पहली चिंगारी
जब रवीना टंडन की तस्वीरें मैगज़ीन के पन्नों पर छपतीं, तो पड़ोस की मम्मियाँ भी हैरानी से भर जाती थीं। Whatsapp वाली बुआ की बातें और मोनू आंटी की जलन ने पूरे माहौल को और गर्मा दिया।
गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा
मोनू आंटी, जो लखनऊ की थीं, रवीना की तस्वीरों को देखकर आश्चर्य और जलन का मिश्रण दिखाती थीं। वे बार-बार यह पूछती थीं कि क्या वह वही टीचर है जो उनके गुड्डू के स्कूल में पढ़ाते हैं।
इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?
जैसे आज के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को ट्रोल किया जाता है, वैसे ही पहले के दौर में फेमस अभिनेत्रियाँ बॉडी-शेमिंग का सामना करती थीं। रवीना ने स्वयं माना कि इस तरह की नकारात्मक टिप्पणियाँ उनके आत्मसम्मान पर गहरा असर डालती थीं।
सोशल-मीडिया का नमक
आंटी-ताऊ लोग अक्सर इंस्टाग्राम पर लड़कियों के पिक्स डालने पर आरोप लगाते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि “थंडर थाइज” जैसे टैग्स पहले भी एक तरह की तनावपूर्ण जलन के रूप में होते थे जो किसी के लिए भी आसान नहीं थे।
आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ
मोहल्ले की आंटीज़ की “गपशप गुड्डी” की कटिंग्स देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे सिनेमा जगत में कदम रखते ही बॉडी-शेमर्स का सामना करना पड़ता है। रवीना के दिल में भी यह बात जरूर आई होगी कि उनकी चमक को कोई बुझा नहीं सकता।
अंततः, अगली बार जब आप कोई पोस्ट करें, तो सावधान रहें कि कहीं पड़ोस की मोनू आंटी जलन की आग न भड़काएँ। यह दुनिया में इतनाअहंकार और जलन दोनों ही ड्रामे के रूप हैं।
अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!