
बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री श्रीदेवी ने हिंदी फिल्मों के लिए जो मेहनत की, वह किसी से छुपी नहीं है। बॉनी कपूर ने बताया कि श्रीदेवी ने हिंदी सीखने के लिए कितनी मेहनत की और इसके लिए उन्होंने कई बड़े पैकेज तक छोड़े।
श्रीदेवी की मेहनत और उनकी हिंदी सीखने की जुगाड़
श्रीदेवी ने हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए अपनी भाषा पर काबू पाया। कहा जाता है कि उन्होंने AR रहमान के 70 लाख रुपये की फीस तक छोड़ दीं, सिर्फ हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए। उनकी लगन ने साबित किया कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है।
श्रीदेवी का सेट पर व्यवहार
- फिल्म ‘मॉम’ के सेट पर श्रीदेवी ने बॉनी कपूर के साथ कमरे भी नहीं बांटे।
- उनकी स्टाइलिश और स्वतंत्रता की भावना का हर कोई सम्मान करता था।
- आंटी लोग कहते हैं कि श्रीदेवी किराया भी ज्यादा देती थीं।
पड़ोस की जलन और आम लोगों की प्रतिक्रिया
पड़ोस की मूना आंटी और अन्य लोग उनकी मेहनत और सफलता देखकर जलन महसूस करते थे। सोशल मीडिया पर भी कई लोग अपनी हिंदी सुधारने की कोशिश करते हैं, किंतु श्रीदेवी की मेहनत की बराबरी कोई नहीं कर पाता।
श्रीदेवी की प्रेरणा
श्रीदेवी ने यह दिखाया कि कठिनाईयों के बावजूद भी लगन और समर्पण से कोई भी अपने लक्ष्य को पा सकता है। उनकी हिंदी सीखने की कहानी और उनके अधूरे ज्ञान को पूरा करने की इच्छा सबके लिए प्रेरणा है।
जलन के पहलू और कामयाबी की चमक
- जलन की शुरुआत होती है जब कोई बड़ी सफलता हासिल करता है।
- श्रीदेवी की मेहनत और स्टाइल ने पड़ोसियों की जलन को जन्म दिया।
- सोशल मीडिया पर उनकी कामयाबी की चमक देखकर लोग चुप-चुप रह जाते हैं।
- आख़िरी में लोगों की प्रतिक्रिया अक्सर जलन और आलोचना से भरी होती है।
तो यह थी श्रीदेवी की हिंदी सीखने की कहानी और परिदृश्य, जिसमें जलन के साथ-साथ लाखों दिलों ने उनकी मेहनत को सराहा है।