September 11, 2025
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अरे बाप रे! जब से ये ऐतिहासिक सीरियल्स टीवी पर आए हैं, मोहल्ले की आंटीओं का WhatsApp ग्रुप 🔥 दिन-रात इनके चर्चे से गर्म रहता है। “पेसवा बाजीराव” हो या “महाराणा प्रताप” — हर एक किरदार पे आंटीजी की झड़ी लगती है, जैसे कबड्डी का मैच हो!

जलन की पहली चिंगारी:

सोचो ज़रा, हमारे मोहल्ले की सिर्फ़ रोटी-कपड़ा की चिंता है, और टीवी वाले इतिहास के शेरों को लाखों का स्टाइलिश ड्रेसअप दे देते हैं! #फालतू_खर्च[फुस्स…] क्या मज़ाल कि हमारी तो पँचायत की अखरोटी भी इतनी शानदार दिखे!

गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा:

ये जो राजपूत, पेशवा, और मुगल वाले सीरियल आते हैं, उनसे आंटीजी की जलन कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है। कहा सुना है, दुकान की आंटी बोली कि ये तो सोने की नक्काशी की तरह स्टोरी बनाते हैं, हमारी जिन्दगी की तो रोज़ हरकतें भी ऐसी फ़िल्मी नहीं!

इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी—कौन जले ज़्यादा?:

ये ऐतिहासिक सीरियल्स में दिखाए गए राजा-रानी, उनकी शाही ज़िंदगियाँ देखकर आम आदमी की जलन भी जल उठती है: “अरे हमारी जिंदगी इतनी मुश्किल भरी क्यों है, और इनका तो सोना चांदी से घर भरा पड़ा है?” मज़ा आ गया ज़िंदगी पे शर्मीला ताना मारने में!

सोशल-मीडिया का नमक:

इंस्टा, फेसबुक पे ऐतिहासिक ड्रामे की गपशप चलती है, हर पोस्ट पे कमेंट्स में आग लगती है। एक-दूसरे की तुलना करते हुए आंटी-मौसी लोग कहते हैं, “देखा, कौन सा राजा-रानी सबसे ज़्यादा स्टाइलिश निकला यहाँ?” 🤯😒

आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ:

कोई बोलेगा- “ये सब तो बस धूप में पसीना बहाने वाले काम हैं, असली लड़ाइयां हमारी मोहल्ले की झगड़ों में होती हैं।” शब्द ठीक कहे हैं, पर जलन में ये बातें भी ज्यों की त्यों ही तड़क-भड़क करती हैं!

तो भईया, अब हम भी दही-शक्कर खाकर लाइक्स बटोरने चलें, वरना पड़ोस की आंटी की ड्रामा चलती रहेगी! 😏

अगली ज़ोरदार जलन के लिए पढ़ते रहिए Jelousy News!

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