
1990 के दशक में जब बॉलीवुड में ग्लैमर और टैलेंट का जादू छाया हुआ था, तब भी सितारों के बीच जलन और प्रतिस्पर्धा की कहानियां कम नहीं थीं। खासकर जब रवीना टंडन जैसी लोकप्रिय अदाकारा की बात आती है, तो उनके बारे में कई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां सुनने को मिलीं।
रवीना टंडन को ‘थंडर थाइज’ जैसे नाम देने की पुरानी बातें आज भी कई लोगों को चुभती हैं। यह शब्द उनकी फिट और आकर्षक शारीरिक बनावट को लेकर एक तरह की तिरछी टिप्पणियां थीं, जो उस वक्त के समाज में महिलाओं के प्रति पनपी असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं।
90 के दशक की फिल्मों और समाज में जलन के पहलू
90 के दशक के बॉलीवुड में कई मजबूत महिला किरदार थे, जिनमें रवीना टंडन एक प्रमुख नाम हैं। उनकी लोकप्रियता से कुछ ही लोग खुश थे, और कुछ ने उनकी आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस समय के कुछ मुख्य कारण थे:
- प्रतिस्पर्धा: सितारों के बीच के मुकाबले और ग्लैमर की दुनिया में ऊपर बने रहने की चाह ने जलन बढ़ाई।
- लिंग पर आधारित टिप्पणियां: महिलाओं की उपलब्धियों को कमतर दिखाने के लिए उनके शारीरिक अवयवों पर ताना मारना आम था।
- मीडिया की भूमिका: कई बार मीडिया ने इस जलन को और हवा दी और विवादित लफ्जों को प्रमोट किया।
आज की संवेदनशीलता और बदलते नजरिए
आज के समय में हमारी समझ और सम्मान की भावना बढ़ी है, जिससे ऐसी टिप्पणियां पुरानी और अप्रासंगिक लगती हैं। रवीना टंडन जैसे कलाकारों ने अपने अभिनय और व्यक्तित्व से साबित किया है कि उनकी योग्यता किसी भी अपमानजनक शब्द से ऊपर है।
अंत में, यह याद रखना आवश्यक है कि किसी के प्रति अपमानजनक या तिरछी टिप्पणियां करना न केवल गलत है, बल्कि समाज को पीछे भी ले जाता है। हमें ऐतिहासिक दौर की इन जलन भरी बातों से सीख लेकर एक बेहतर और सम्मानजनक समाज बनाना चाहिए।