
टैरेंस स्टैम्प की 87 साल की उम्र में विदाई ने फिल्म जगत में एक अमिट छाप छोड़ी है। छह दशकों से भी अधिक समय तक उन्होंने अभिनय की दुनिया में अपनी कला से सभी को मंत्रमुग्ध किया। उन्हें मिलने वाला ओस्कर नॉमिनेशन उनकी प्रतिभा की मिसाल है।
पड़ोस की प्रतिक्रिया
हालांकि, हमारे मोहल्ले की बुआओं की जुबान से अक्सर निकलता है कि ऐसा स्टार तो केवल फिल्मों में होता है। कुछ लोग जलन से प्रेरित होकर उनके काम को कमतर आंकने की कोशिश करते हैं:
- गुड्डू की मम्मी का कहना है कि टैरेंस जैसे कलाकार ने अभिनय और लेखन की कला दोनों में महारत हासिल की।
- पड़ोस की बिच्छू आंटी टैरेंस की फिल्मों में जान और दम देखने की बात करती हैं।
- इन्फ्लुएंसर्स की तुलना में टैरेंस की प्रतिभा और मेहनत को कहीं ज्यादा सम्मान मिला है।
सोशल मीडिया और असली प्रतिभा
आज के सोशल मीडिया युग में जहां लोग अपनी ‘परफेक्ट’ लाइफ दिखाने में लगे रहते हैं, वहां टैरेंस जैसी गहराई और जुनून कम ही देखने को मिलता है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ट्रेंडिंग पिक्स में व्यस्त लोग जब टैरेंस के अभिनय की बात सुनते हैं, तो वे चुप रह जाते हैं।
आंटीओं की अंतिम राय
पड़ोस की आंटीओं का कहना है कि टैरेंस स्टैम्प ने जो विरासत छोड़ी है, वह सिर्फ फिल्में नहीं हैं बल्कि एक मिसाल है जिसे दोहराना आसान नहीं। वे कहती हैं, “हमसे ऐसा नहीं बनेगा।”
अतः टैरेंस स्टैम्प की चमकती विरासत को हमारा सलाम, और जो लोग सिर्फ जलते रहते हैं, उन्हें सलाह है कि वे अपनी जलन को पीछे छोड़कर सकारात्मक कदम उठाएं।