September 12, 2025
Untitled_2x (12)
Spread the Jealosy X

ओ मेरे भोले! 18 सीजन वाला Crime Show “Criminal Minds” ने 84% Rotten Tomatoes स्कोर हासिल किया, पर फिर भी उसे वो लोकप्रियता नहीं मिली जिसकी उम्मीद थी। इतने सीजन चलने के बावजूद, यह शो मोहल्ले की सामान्य राय में वह जलवा नहीं ला पाया।

जलन की पहली चिंगारी

यह सीरियल असली साइकोपैथ्स की कहानियों पर आधारित है, और इसमें डरावनी कहानियों के पीछे खतरनाक सच्चाइयां छुपी हैं। सोशल मीडिया पर इसे काफी सराहा गया, लेकिन असली मोहल्ले की चाचियों ने इसे पसंद नहीं किया। उनकी राय थी कि वे सौम्य, सरल कहानियाँ देखना चाहते हैं, न कि ऐसे खलनायकों को।

गुड्डू की मम्मी का मुँह 180° टेढ़ा

गुड्डू की मम्मी हर नए एपिसोड पर कमेंट करती हैं, पर अपने बेटे के बड़े खेत के सामने ये शो उनका ध्यान आकर्षित नहीं कर पाता। एक बुहाजी ने कहा कि असली भय मोहल्ले के बुजुर्गों के सुझाव और सलाह से होता है, नकली किलर से नहीं।

इन्फ्लुएंसर्स vs. आम आदमी — कौन जले ज्यादा?

इंस्टाग्राम पर लोग अपने ‘खून-खराबा’ साझा कर लोकप्रियता जुटाते हैं, लेकिन असली जलन वहाँ होती है जहाँ यह Crime Show वैज्ञानिक तरीके से मानव की भयावहता दिखाता है। मोहल्ले की बुहाजी के अनुसार, यहाँ की घटनाएँ भी अधिक ध्यान आकर्षित करती हैं।

सोशल-मीडिया का नमक

चाहे ये सच्चाई पर आधारित सीरियल अच्छी कोशिश हो, सोशल मीडिया पर लोग इसे हास्य का विषय बना देते हैं। सही संदेश देने का प्रयास भी मोहल्ले की चर्चाओं में जैन की तरह बुझ जाता है।

आंटी लोगों की आख़िरी फूँ-फाँ

मोहल्ले की आंटियाँ इस Crime Show को पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनाती हैं, लेकिन इसे ज्यादा समय तक नहीं चलने दिया जाता। एक बुहाजी ने इसे “साइको सिनेमाटोग्राफी का मास्टरपीस” कहा, पर मोहल्ले की चर्चा में यह साबित नहीं हो पाया।

अंत में, जलन में भी सच्चाई होती है। इसीलिए, दिखावा और चर्चा के बीच दही-शक्कर के साथ लाइक्स बटोरना ही बेहतर लगता है!

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page