
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत कॉमर्शियल फिल्मों को जंगलों और protected areas में शूटिंग करने से रोक दिया गया है। इस फैसले का असर न केवल फिल्म उद्योग पर पड़ा है, बल्कि आम लोगों और सोशल मीडिया पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिला है।
फैसले का मुख्य कारण और प्रभाव
जंगलों में शूटिंग पर यह प्रतिबंध पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लगाया गया है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचे। इसके कारण किन्हीं बड़े-बड़े फिल्म सितारों और प्रोडक्शन हाउसों के लिए वहाँ शूटिंग करना कठिन हो गया है।
लोकप्रिय प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव
- पड़ोस-आंटी जैसे आम लोग अब बॉलीवुड के जंगलों में शूटिंग की चर्चा में नए आयाम जोड़ रहे हैं।
- कुछ लोग इस निर्णय को लेकर निराश हैं, जैसे कि गुड्डू की मम्मी, जिन्हें अपने बेटे का जंगल में फिल्मी रोमांस करने का सपना था।
- सोशल मीडिया पर #NoJungleShoot ट्रेंड कर रहा है, जिसमें इन्फ्लुएंसर्स की नेचर फुटेज को भी ट्रोल किया जा रहा है।
- इन्फ्लुएंसर्स और आम जनता के बीच एक प्रकार की टक्कर भी देखने को मिल रही है, जहां जंगल शूटिंग की बंदी ने इन्फ्लुएंसर्स को प्रभावित किया है।
सरकारी आदेश और आगे का रास्ता
सरकार ने स्पष्ट रूप से आदेश जारी किया है कि अब से protected areas में चैनल और फिल्मों की शूटिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इसका मतलब है कि सब फिल्म निर्माता अपने काम के लिए अन्य सुरक्षित लोकेशंस, जैसे मुंबई के स्टूडियोज़, का सहारा लेंगे।
निष्कर्ष
यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जंगलों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देता है। हालांकि, फिल्मी दुनिया और आम जनता की जलन और चुगली जारी रहेगी, जिससे मनोरंजन की दुनिया में नए-नए चर्चे और बहस होती रहेंगी।