
मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार फिर साबित किया कि सादगी में भी एक अलग ही शान होती है। वह कहते हैं कि पार्टी में जाना उनका स्टाइल नहीं—”मैं ना गपशप करता हूँ, ना पीता हूँ”। इस बात से मोहल्ले और बॉलीवुड जगत दोनों में ही तहलका मचा हुआ है।
पड़ोस की प्रतिक्रियाएं
- बिच्छू आंटी: उनका कहना है कि मिथुन का स्टाइल बिल्कुल अलग है और कोई शराबी पार्टी में झूमे, तो ये अकेले भी किंग हैं।
- WhatsApp वाली बुआ: उन्होंने बताया कि पार्टी में सब मटरगश्ती में लगे होते हैं, लेकिन मिथुन शांत बैठे रहते हैं जो कि उनकी चालाकी का हिस्सा है।
- गुड्डू की मम्मी: उन्हें मिथुन का यह व्यवहार समझ नहीं आता और वे चाहती हैं कि वह थोड़ा घूमें-फिरें, पर मिथुन को तो ऐसा लग रहा है जैसे वह कहीं भटक गए हों।
- पड़ोस की पिंकी: उन्होंने इसे मिसफिट समझा, खासकर VIP पार्टियों में।
सोशल मिडिया और असली जिंदगी की तुलना
जहां सोशल मीडिया और इंडस्ट्री पार्टियां चमक-दमक से भरी हैं, वहीँ मिथुन चक्रवर्ती अपनी मस्त ज़िंदगी को बिना दिखावे के जीते हैं। उनकी इस सादगी पर पड़ोस के लोग निगाहें जमाए हुए हैं और जलन भी महसूस करते हैं।
मिथुन का साफ संदेश
- पार्टी वाले काम के नहीं।
- जीवन का असली मज़ा सादगी में है।
- झूठा दिखावा छोड़कर असली ज़िंदगी जीना बेहतर है।
आंटी लोगों का निर्णय
पड़ोस की बिच्छू आंटी ने यह भी कहा कि अब वे भी पार्टी में झूठी गपशप छोड़कर मिथुन की तरह सरल जीवन अपनाएंगी।
निष्कर्ष: मिथुन चक्रवर्ती की यह साफ-सुथरी और नेक अदाएं मोहल्ले वालों के लिए एक नई सोच लेकर आई हैं। सच्चाई यही है कि असली चमक सादगी में छुपी होती है।